शनिवार, 19 दिसंबर 2009

बहुत दिन हो गए मैं ब्लॉग पर नहीं आ पाया। दरअसल ये अनुपस्थिति एक नए पहल का पूर्वाभ्यास है। अपने आसपास तेजी से घटित हो रही घटनाओं को समझने में लगा हूँ। समझ रहा हूँ की अरहर की दाल ९५ रुपए हो गयी तो फिर शेयर क्यों बढ़ रहा है और मुद्रास्फीति क्यों कम हो रही है। एक महानुभाव की रिपोर्ट आयी है कि देश में हर १० में से चौथा आदमी गरीब है और ये भी कि सत्रह साल बाद किसी को दोषी तो ठहरा दिया जाता है लेकिन उसे कोई सज़ा नहीं मिलेगी।
ये सब इन्ही पांच छह महीनो में हुआ है । इसी देश में।